6 Kalma in Hindi इस्लाम का वो दरवाजा है जो की हमारे दीन और ईमान की जड़ व बुनियाद है।इन्ही कलमों को पढ़कर लोग उम्र भर के काफिर से मुस्लिम मोमिन और मुसलमान बन जाते हैं।
और इसी के साथ वो दुनिया की तमाम खुराफात से निजात के मुस्तहिक हो जाते हैं।लेकिन इन कलमों को पढ़ने के लिए एक शर्त भी है
की इन कलमों को सिर्फ जबान से न पढ़ कर बल्कि इन कलमों का मतलब समझ कर दिल से भी मानना चाहिए और सच्चे दिल से भी उसे कुबूल किया जाना चाहिए
Six Kalma In Islam
इसके साथ ही तौहीद वा रिसालत को बिल्कुल सही से समझा जाए ,यानी की बगैर मतलब यानी बिना तर्जुमे के सिर्फ ज़बान से Kalma पढ़ लिया जाए
तो वह kalma पढ़ने वाला अल्लाह के नजदीक मोमिन और मुसलमान नहीं होगा इसलिए ये बहुत जरुरी है कि सभी कलमों को तार्जुमे के साथ और मतलब को समझ कर इस पर अमल किया जाए ।
इसके साथ ही वह पकका मुसलमान और सच्चा मोमिन बन पायेगा
6th Kalma In Hindi With Tarjuma, इस्लाम में कलमा की बहुत ज्यादा ही अहमियत है एक सच्चा मुसलमान होने के नाते हम सब को मालूम होना चाहिए.
पहला कलमा तय्यब (Pehla Kalma Tayyab)- kalma in hindi
لَآ اِلٰهَ اِلَّااللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُولُ اللہِ
“ला इलाहा इलल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि”
“La Ilaha Illallaahu Muhammadur Rasoolullaah“
दूसरा कलमा शहादत (Doosra Kalma Shahaadat)
اَشْهَدُ اَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَہٗ لَاشَرِيْكَ لَہٗ وَاَشْهَدُ اَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهٗ وَرَسُولُہٗ
“अशहदु अल्लाह इल्लाह इल्लल्लाहु वह दहु ला शरी-क लहू व अशदुहु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु”
“Ash Hadu Allah Ilaha Illallaahu Wah Dahu La Sharika Lahu Wa Ash Hadu Anna Muhammadan Abduhu Wa Rasooluhu“
तीसरा कलमा तमजीद (Teesra Kalma Tamjeed)
سُبْحَان اللهِ وَالْحَمْدُلِلّهِ وَلا إِلهَ إِلّااللّهُ وَاللّهُ أكْبَرُ وَلا حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلَّا بِاللّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيْم
“सुब्हानल्लाही वल हम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इलल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौल वला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यील अज़ीम”
चौथा कलमा तौहीद (Chotha Kalma Tauheed)
لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ وَحْدَهٗ لَا شَرِيْكَ لَهٗ لَهُ الْمُلْكُ وَ لَهُ الْحَمْدُ يُحْىٖ وَ يُمِيْتُ وَ هُوَحَیٌّ لَّا يَمُوْتُ اَبَدًا اَبَدًاؕ ذُو الْجَلَالِ وَالْاِكْرَامِؕ بِيَدِهِ الْخَيْرُؕ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شیْ قَدِیْرٌؕ
“ला इलाह इल्लल्लाहु वह्दहु ला शरीक लहू लहुल मुल्कू व लहुल हम्दु युहयी व युमीतु वहुवा हय्युल ला यमूतु अबदन अबदा ज़ूल जलालि वल इकराम बियदिहि-हिल खैर वहुवा अला कुल्ली शैइन क़दीर”
पांचवाँ कलमा इस्तिग़फ़ार ( Panchwa Kalma Istigfar)
اَسْتَغْفِرُ اللهِ رَبِّىْ مِنْ كُلِِّ ذَنْۢبٍ اَذْنَبْتُهٗ عَمَدًا اَوْ خَطَا ًٔ سِرًّا اَوْ عَلَانِيَةً وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِیْٓ اَعْلَمُ وَ مِنَ الذَّنْۢبِ الَّذِىْ لَآ اَعْلَمُ اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوْبِ وَ سَتَّارُ الْعُيُوْبِ و َغَفَّارُ الذُّنُوْبِ وَ لَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللهِ الْعَلِىِِّ الْعَظِيْمِؕ
अस्तग़फिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिन अज्नब्तुहू अमदन अव खता अन सिर्रन अव अलानियतन
व अतूबू इलैह मिनज़ ज़म्बिल लज़ी आलमु
व मिनज़ ज़म्बिल लज़ी ला आलमु इन्नका अंता अल्लामुल गूयूबी व सत्तारिल उयूबी व गफ्फारिज़ ज़ुनूबी वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलिय्यिल अज़ीम
छठवां कलमा रद्दे कुफ्र ( Chata Kalma Radde Kufr)
اَ للّٰهُمَّ اِنِّیْٓ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ اَنْ اُشْرِكَ بِكَ شَيْئًا وَّاَنَآ اَعْلَمُ بِهٖ وَ اَسْتَغْفِرُكَ لِمَا لَآ اَعْلَمُ بِهٖ تُبْتُ عَنْهُ وَ تَبَرَّأْتُ مِنَ الْكُفْرِ وَ الشِّرْكِ وَ الْكِذْبِ وَ الْغِيْبَةِ وَ لْبِدْعَةِ وَالنَّمِيْمَةِ وَ الْفَوَاحِشِ وَ الْبُهْتَانِ وَ الْمَعَاصِىْ كُلِِّهَا وَ اَسْلَمْتُ وَ اَقُوْلُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللهُ مُحَمَّدٌ رَّسُوْلُ اللهِؕ
अल्लाहुम्मा इन्नी ऊज़ुबिका मिन अन उशरिका बिका शय अव व अना आलमु बिही व अस्ताग्फिरुका लिमा ला आलमु बिही तुब्तु अन्हु व तबर्रअतू मिनल कुफरी वश शिरकी
वल किज्बी वल गीबती वल बिदअति वन नमीमति वल फवाहिशी वल बुहतानी वल मआसी कुल्लिहा व अस्लमतु व अकूलू ला इलाहा इल्ललाहू मुहम्मदुर रसूलुल लाह
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